महाभारतम् — 12.56.43
Original
Segmented
नित्यम् हि व्यसनी लोके परिभूतो भवति उत उद्वेजयति लोकम् च अपि अति द्वेषी महीपतिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
हि | हि | pos=i |
व्यसनी | व्यसनिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
परिभूतो | परिभू | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
उत | उत | pos=i |
उद्वेजयति | उद्वेजय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
अति | अति | pos=i |
द्वेषी | द्वेषिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
महीपतिः | महीपति | pos=n,g=m,c=1,n=s |