Original

अहो धन्यो हि लोकोऽयं सभाग्याश्च नरा भुवि ।यत्र कर्मेदृशं धर्म्यं द्विजेन कृतमच्युत ॥ ४ ॥

Segmented

अहो धन्यो हि लोको ऽयम् स भाग्याः च नरा भुवि यत्र कर्म ईदृशम् धर्म्यम् द्विजेन कृतम् अच्युत

Analysis

Word Lemma Parse
अहो अहो pos=i
धन्यो धन्य pos=a,g=m,c=1,n=s
हि हि pos=i
लोको लोक pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽयम् इदम् pos=n,g=m,c=1,n=s
pos=i
भाग्याः भाग्य pos=n,g=m,c=1,n=p
pos=i
नरा नर pos=n,g=m,c=1,n=p
भुवि भू pos=n,g=f,c=7,n=s
यत्र यत्र pos=i
कर्म कर्मन् pos=n,g=n,c=1,n=s
ईदृशम् ईदृश pos=a,g=n,c=1,n=s
धर्म्यम् धर्म्य pos=a,g=n,c=1,n=s
द्विजेन द्विज pos=n,g=m,c=3,n=s
कृतम् कृ pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
अच्युत अच्युत pos=n,g=m,c=8,n=s