महाभारतम् — 12.50.29
Original
Segmented
त्वम् हि सर्वैः गुणै राजन् देवान् अपि अतिरिच्यसे तपसा हि भवाञ् शक्तः स्रष्टुम् लोकान् चर-अचरान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
सर्वैः | सर्व | pos=n,g=m,c=3,n=p |
गुणै | गुण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
देवान् | देव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
अतिरिच्यसे | अतिरिच् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
तपसा | तपस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
हि | हि | pos=i |
भवाञ् | भवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
शक्तः | शक् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
स्रष्टुम् | सृज् | pos=vi |
लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
चर | चर | pos=a,comp=y |
अचरान् | अचर | pos=a,g=m,c=2,n=p |