महाभारतम् — 12.35.22
Original
Segmented
गुरु-तल्पम् हि गुरु-अर्थे न दूषयति मानवम् उद्दालकः श्वेतकेतुम् जनयामास शिष्यतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
| तल्पम् | तल्प | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
| अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| न | न | pos=i |
| दूषयति | दूषय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| मानवम् | मानव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| उद्दालकः | उद्दालक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| श्वेतकेतुम् | श्वेतकेतु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| जनयामास | जनय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| शिष्यतः | शिष्य | pos=n,g=m,c=5,n=s |