महाभारतम् — 12.347.9
Original
Segmented
अहम् कस्य कुतो वा अहम् कः को मे ह भवेद् इति प्रयोजन-मतिः नित्यम् एवम् मोक्ष-आश्रमी भवेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| कस्य | क | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| कुतो | कुतस् | pos=i |
| वा | वा | pos=i |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| कः | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| को | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| ह | ह | pos=i |
| भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| इति | इति | pos=i |
| प्रयोजन | प्रयोजन | pos=n,comp=y |
| मतिः | मति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| मोक्ष | मोक्ष | pos=n,comp=y |
| आश्रमी | आश्रमिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |