Original

को ह्यसौ चिन्त्यते ब्रह्मंस्त्वया वै पुरुषोत्तमः ।एतन्मे संशयं ब्रूहि महत्कौतूहलं हि मे ॥ २३ ॥

Segmented

को हि असौ चिन्त्यते ब्रह्मन् त्वया वै पुरुष-उत्तमः एतत् मे संशयम् ब्रूहि महत् कौतूहलम् हि मे

Analysis

Word Lemma Parse
को pos=n,g=m,c=1,n=s
हि हि pos=i
असौ अदस् pos=n,g=m,c=1,n=s
चिन्त्यते चिन्तय् pos=v,p=3,n=s,l=lat
ब्रह्मन् ब्रह्मन् pos=n,g=m,c=8,n=s
त्वया त्वद् pos=n,g=,c=3,n=s
वै वै pos=i
पुरुष पुरुष pos=n,comp=y
उत्तमः उत्तम pos=a,g=m,c=1,n=s
एतत् एतद् pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
संशयम् संशय pos=n,g=m,c=2,n=s
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
महत् महत् pos=a,g=n,c=1,n=s
कौतूहलम् कौतूहल pos=n,g=n,c=1,n=s
हि हि pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s