महाभारतम् — 12.338.21
Original
Segmented
ब्रह्मा उवाच वैजयन्तो गिरि-वरः सततम् सेव्यते मया अत्र एकाग्रेण मनसा पुरुषः चिन्त्यते विराट्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ब्रह्मा | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| वैजयन्तो | वैजयन्त | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| गिरि | गिरि | pos=n,comp=y |
| वरः | वर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| सततम् | सततम् | pos=i |
| सेव्यते | सेव् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| अत्र | अत्र | pos=i |
| एकाग्रेण | एकाग्र | pos=a,g=n,c=3,n=s |
| मनसा | मनस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| पुरुषः | पुरुष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| चिन्त्यते | चिन्तय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| विराट् | विराज् | pos=n,g=m,c=1,n=s |