महाभारतम् — 12.338.20
Original
Segmented
गन्धर्वैः अप्सरोभिः च सततम् संनिषेवितम् उत्सृज्य इमम् गिरि-वरम् एकाकी प्राप्तवान् असि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| गन्धर्वैः | गन्धर्व | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| अप्सरोभिः | अप्सरस् | pos=n,g=f,c=3,n=p |
| च | च | pos=i |
| सततम् | सततम् | pos=i |
| संनिषेवितम् | संनिषेव् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| उत्सृज्य | उत्सृज् | pos=vi |
| इमम् | इदम् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| गिरि | गिरि | pos=n,comp=y |
| वरम् | वर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| एकाकी | एकाकिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| प्राप्तवान् | प्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |