महाभारतम् — 12.338.10
Original
Segmented
तत्र अध्यात्म-गतिम् देव एकाकी प्रविचिन्तयन् वैराज-सदने नित्यम् वैजयन्तम् निषेवते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तत्र | तत्र | pos=i |
| अध्यात्म | अध्यात्म | pos=n,comp=y |
| गतिम् | गति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| देव | देव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| एकाकी | एकाकिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| प्रविचिन्तयन् | प्रविचिन्तय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| वैराज | वैराज | pos=n,comp=y |
| सदने | सदन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| वैजयन्तम् | वैजयन्त | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| निषेवते | निषेव् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |