महाभारतम् — 12.327.1
Original
Segmented
जनमेजय उवाच कथम् स भगवान् देवो यज्ञेषु अग्र-हरः प्रभुः यज्ञ-धारी च सततम् वेद-वेदाङ्ग-विद् तथा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| जनमेजय | जनमेजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| कथम् | कथम् | pos=i |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भगवान् | भगवन्त् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| देवो | देव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| यज्ञेषु | यज्ञ | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| अग्र | अग्र | pos=n,comp=y |
| हरः | हर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| प्रभुः | प्रभु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| यज्ञ | यज्ञ | pos=n,comp=y |
| धारी | धारिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| सततम् | सततम् | pos=i |
| वेद | वेद | pos=n,comp=y |
| वेदाङ्ग | वेदाङ्ग | pos=n,comp=y |
| विद् | विद् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| तथा | तथा | pos=i |