महाभारतम् — 12.317.11
Original
Segmented
दुःख-उपघाते शारीरे मानसे वा अपि उपस्थिते यस्मिन् न शक्यते कर्तुम् यत्नः तत् न अनुचिन्तयेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दुःख | दुःख | pos=n,comp=y |
| उपघाते | उपघात | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| शारीरे | शारीर | pos=a,g=m,c=7,n=s |
| मानसे | मानस | pos=a,g=m,c=7,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| उपस्थिते | उपस्था | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
| यस्मिन् | यद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| न | न | pos=i |
| शक्यते | शक् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| कर्तुम् | कृ | pos=vi |
| यत्नः | यत्न | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| अनुचिन्तयेत् | अनुचिन्तय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |