महाभारतम् — 12.313.20
Original
Segmented
शुक उवाच उत्पन्ने ज्ञान-विज्ञाने प्रत्यक्षे हृदि शाश्वते किम् अवश्यम् निवस्तव्यम् आश्रमेषु वनेषु च
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शुक | शुक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
उत्पन्ने | उत्पद् | pos=va,g=n,c=1,n=d,f=part |
ज्ञान | ज्ञान | pos=n,comp=y |
विज्ञाने | विज्ञान | pos=n,g=n,c=1,n=d |
प्रत्यक्षे | प्रत्यक्ष | pos=a,g=n,c=1,n=d |
हृदि | हृद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
शाश्वते | शाश्वत | pos=a,g=n,c=1,n=d |
किम् | किम् | pos=i |
अवश्यम् | अवश्यम् | pos=i |
निवस्तव्यम् | निवस् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
आश्रमेषु | आश्रम | pos=n,g=m,c=7,n=p |
वनेषु | वन | pos=n,g=n,c=7,n=p |
च | च | pos=i |