महाभारतम् — 12.308.93
Original
Segmented
अथ यः स्व-अर्थम् उत्सृज्य पर-अर्थम् प्राह मानवः विशङ्का जायते तस्मिन् वाक्यम् तद् अपि दोषवत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अथ | अथ | pos=i |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| उत्सृज्य | उत्सृज् | pos=vi |
| पर | पर | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्राह | प्राह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| मानवः | मानव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| विशङ्का | विशङ्का | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| जायते | जन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तस्मिन् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| दोषवत् | दोषवत् | pos=a,g=n,c=1,n=s |