Original

यथा पुष्करपर्णस्थं जलं तत्पर्णसंस्थितम् ।तिष्ठत्यस्पृशती तद्वत्त्वयि वत्स्यामि मैथिल ॥ १७३ ॥

Segmented

यथा पुष्कर-पर्ण-स्थम् जलम् तद्-पर्ण-संस्थितम् तिष्ठति अ स्पृशती तद्वत् त्वयि वत्स्यामि मैथिल

Analysis

Word Lemma Parse
यथा यथा pos=i
पुष्कर पुष्कर pos=n,comp=y
पर्ण पर्ण pos=n,comp=y
स्थम् स्थ pos=a,g=n,c=1,n=s
जलम् जल pos=n,g=n,c=1,n=s
तद् तद् pos=n,comp=y
पर्ण पर्ण pos=n,comp=y
संस्थितम् संस्था pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
तिष्ठति स्था pos=v,p=3,n=s,l=lat
pos=i
स्पृशती स्पृश् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
तद्वत् तद्वत् pos=i
त्वयि त्वद् pos=n,g=,c=7,n=s
वत्स्यामि वस् pos=v,p=1,n=s,l=lrt
मैथिल मैथिल pos=n,g=m,c=8,n=s