महाभारतम् — 12.308.145
Original
Segmented
प्राज्ञाञ् शूरान् तथा एव आढ्यान् एक-स्थाने ऽपि शङ्कते भयम् अपि अभये राज्ञो यैः च नित्यम् उपास्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्राज्ञाञ् | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| शूरान् | शूर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| तथा | तथा | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| आढ्यान् | आढ्य | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| एक | एक | pos=n,comp=y |
| स्थाने | स्थान | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| शङ्कते | शङ्क् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| भयम् | भय | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| अभये | अभय | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| राज्ञो | राजन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| यैः | यद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| च | च | pos=i |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| उपास्यते | उपास् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |