महाभारतम् — 12.308.131
Original
Segmented
तद्-अमुक्तस्य ते मोक्षे यो ऽभिमानो भवेत् नृप सुहृद्भिः स निवारय् ते विचित्तस्य इव भेषजैः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तद् | तद् | pos=n,comp=y |
| अमुक्तस्य | अमुक्त | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| मोक्षे | मोक्ष | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽभिमानो | अभिमान | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| नृप | नृप | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| सुहृद्भिः | सुहृद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| निवारय् | निवारय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| विचित्तस्य | विचित्त | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| भेषजैः | भेषज | pos=n,g=n,c=3,n=p |