Original

रत्यर्थमभिसंरोधादन्योन्यगुणसंश्रयात् ।ऋतौ निर्वर्तते रूपं तद्वक्ष्यामि निदर्शनम् ॥ १५ ॥

Segmented

रति-अर्थम् अभिसंरोधाद् अन्योन्य-गुण-संश्रयात् ऋतौ निर्वर्तते रूपम् तद् वक्ष्यामि निदर्शनम्

Analysis

Word Lemma Parse
रति रति pos=n,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
अभिसंरोधाद् अभिसंरोध pos=n,g=m,c=5,n=s
अन्योन्य अन्योन्य pos=n,comp=y
गुण गुण pos=n,comp=y
संश्रयात् संश्रय pos=n,g=m,c=5,n=s
ऋतौ ऋतु pos=n,g=m,c=7,n=s
निर्वर्तते निर्वृत् pos=v,p=3,n=s,l=lat
रूपम् रूप pos=n,g=n,c=2,n=s
तद् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
वक्ष्यामि वच् pos=v,p=1,n=s,l=lrt
निदर्शनम् निदर्शन pos=n,g=n,c=2,n=s