महाभारतम् — 12.287.4
Original
Segmented
छित्त्वा अधर्म-मयम् पाशम् यदा धर्मे ऽभिरज्यते दत्त्वा अभय-कृतम् दानम् तदा सिद्धिम् अवाप्नुयात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
छित्त्वा | छिद् | pos=vi |
अधर्म | अधर्म | pos=n,comp=y |
मयम् | मय | pos=a,g=m,c=2,n=s |
पाशम् | पाश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
यदा | यदा | pos=i |
धर्मे | धर्म | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ऽभिरज्यते | अभिरञ्ज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
दत्त्वा | दा | pos=vi |
अभय | अभय | pos=n,comp=y |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
दानम् | दान | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
सिद्धिम् | सिद्धि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अवाप्नुयात् | अवाप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |