महाभारतम् — 12.286.33
Original
Segmented
कथम् न विप्रणश्येम योनितो ऽस्या इति प्रभो कुर्वन्ति धर्मम् मनुजाः श्रुति-प्रामाण्य-दर्शनात्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कथम् | कथम् | pos=i |
| न | न | pos=i |
| विप्रणश्येम | विप्रणश् | pos=v,p=1,n=p,l=vidhilin |
| योनितो | योनि | pos=n,g=f,c=5,n=s |
| ऽस्या | इदम् | pos=n,g=f,c=5,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| प्रभो | प्रभु | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| कुर्वन्ति | कृ | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| धर्मम् | धर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| मनुजाः | मनुज | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| श्रुति | श्रुति | pos=n,comp=y |
| प्रामाण्य | प्रामाण्य | pos=n,comp=y |
| दर्शनात् | दर्शन | pos=n,g=n,c=5,n=s |