महाभारतम् — 12.270.8
Original
Segmented
ईशो ऽयम् सततम् देही नृपते पुण्य-पापयोः तत एव समुत्थेन तमसा रुध्यते ऽपि च
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ईशो | ईश | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सततम् | सततम् | pos=i |
| देही | देहिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| नृपते | नृपति | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| पुण्य | पुण्य | pos=n,comp=y |
| पापयोः | पाप | pos=n,g=n,c=6,n=d |
| तत | ततस् | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| समुत्थेन | समुत्थ | pos=a,g=n,c=3,n=s |
| तमसा | तमस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| रुध्यते | रुध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| च | च | pos=i |