महाभारतम् — 12.270.27
Original
Segmented
ऐश्वर्यम् तपसा प्राप्तम् भ्रष्टम् तत् च स्व-कर्मभिः धृतिम् आस्थाय भगवन् न शोचामि ततस् तु अहम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ऐश्वर्यम् | ऐश्वर्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तपसा | तपस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| प्राप्तम् | प्राप् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| भ्रष्टम् | भ्रंश् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| कर्मभिः | कर्मन् | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| धृतिम् | धृति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| आस्थाय | आस्था | pos=vi |
| भगवन् | भगवत् | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| न | न | pos=i |
| शोचामि | शुच् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| ततस् | ततस् | pos=i |
| तु | तु | pos=i |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |