महाभारतम् — 12.265.15
Original
Segmented
सो ऽथ धर्माद् अवाप्तेषु धनेषु कुरुते मनः तस्य एव सिञ्चते मूलम् गुणान् पश्यति यत्र वै
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽथ | अथ | pos=i |
| धर्माद् | धर्म | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| अवाप्तेषु | अवाप् | pos=va,g=n,c=7,n=p,f=part |
| धनेषु | धन | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| कुरुते | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| मनः | मनस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| सिञ्चते | सिच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| मूलम् | मूल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| गुणान् | गुण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| पश्यति | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यत्र | यत्र | pos=i |
| वै | वै | pos=i |