महाभारतम् — 12.197.2
Original
Segmented
यथा अम्भसि प्रसन्ने तु रूपम् पश्यति चक्षुषा तद्वत् प्रसन्न-इन्द्रियवान् ज्ञेयम् ज्ञानेन पश्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यथा | यथा | pos=i |
अम्भसि | अम्भस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
प्रसन्ने | प्रसद् | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
तु | तु | pos=i |
रूपम् | रूप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पश्यति | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
चक्षुषा | चक्षुस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
तद्वत् | तद्वत् | pos=i |
प्रसन्न | प्रसद् | pos=va,comp=y,f=part |
इन्द्रियवान् | इन्द्रियवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ज्ञेयम् | ज्ञा | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=krtya |
ज्ञानेन | ज्ञान | pos=n,g=n,c=3,n=s |
पश्यति | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |