Original

यथा प्रदीपे ज्वलतोऽनलस्य संतापजं रूपमुपैति किंचित् ।न चान्तरं रूपगुणं बिभर्ति तथैव तद्दृश्यते रूपमस्य ॥ १७ ॥

Segmented

यथा प्रदीपे ज्वलतो ऽनलस्य संताप-जम् रूपम् उपैति किंचित् न च अन्तरम् रूप-गुणम् बिभर्ति तथा एव तद् दृश्यते रूपम् अस्य

Analysis

Word Lemma Parse
यथा यथा pos=i
प्रदीपे प्रदीप pos=n,g=m,c=7,n=s
ज्वलतो ज्वल् pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part
ऽनलस्य अनल pos=n,g=m,c=6,n=s
संताप संताप pos=n,comp=y
जम् pos=a,g=n,c=1,n=s
रूपम् रूप pos=n,g=n,c=1,n=s
उपैति उपे pos=v,p=3,n=s,l=lat
किंचित् कश्चित् pos=n,g=n,c=1,n=s
pos=i
pos=i
अन्तरम् अन्तर pos=a,g=m,c=2,n=s
रूप रूप pos=n,comp=y
गुणम् गुण pos=n,g=m,c=2,n=s
बिभर्ति भृ pos=v,p=3,n=s,l=lat
तथा तथा pos=i
एव एव pos=i
तद् तद् pos=n,g=n,c=1,n=s
दृश्यते दृश् pos=v,p=3,n=s,l=lat
रूपम् रूप pos=n,g=n,c=1,n=s
अस्य इदम् pos=n,g=m,c=6,n=s