Original

ब्राह्मण उवाच ।सैवाद्यापि प्रतिज्ञा मे स्वशक्त्या किं प्रदीयताम् ।ब्रूहि दास्यामि राजेन्द्र विभवे सति माचिरम् ॥ ४६ ॥

Segmented

ब्राह्मण उवाच सा एव अद्य अपि प्रतिज्ञा मे स्व-शक्त्या किम् प्रदीयताम् ब्रूहि दास्यामि राज-इन्द्र विभवे सति माचिरम्

Analysis

Word Lemma Parse
ब्राह्मण ब्राह्मण pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
सा तद् pos=n,g=f,c=1,n=s
एव एव pos=i
अद्य अद्य pos=i
अपि अपि pos=i
प्रतिज्ञा प्रतिज्ञा pos=n,g=f,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
स्व स्व pos=a,comp=y
शक्त्या शक्ति pos=n,g=f,c=3,n=s
किम् pos=n,g=n,c=1,n=s
प्रदीयताम् प्रदा pos=v,p=3,n=s,l=lot
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
दास्यामि दा pos=v,p=1,n=s,l=lrt
राज राजन् pos=n,comp=y
इन्द्र इन्द्र pos=n,g=m,c=8,n=s
विभवे विभव pos=n,g=m,c=7,n=s
सति अस् pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part
माचिरम् माचिरम् pos=i