महाभारतम् — 12.184.8
Original
Segmented
भृगुः उवाच पूर्वम् एव भगवता लोक-हितम् अनुतिष्ठता धर्म-संरक्षण-अर्थम् आश्रमाः चत्वारः ऽभिनिर्दिष्टाः तत्र गुरु-कुल-वासम् एव तावत् प्रथमम् आश्रमम् उदाहरन्ति सम्यग् अत्र शौच-संस्कार-विनय-नियम-प्रणीतः विनीत-आत्मा उभे संध्ये भास्कर-अग्नि-दैवतानि उपस्थाय विहाय तन्द्रा-आलस्ये गुरोः अभिवादन-वेद-अभ्यास-श्रवण-पवित्रीकृत-अन्तरात्मा त्रिषवणम् उपस्पृश्य ब्रह्मचर्य-अग्नि-परिचरण-गुरु-शुश्रूषा-नित्यः भैक्ष-आदि-सर्व-निवेदित-अन्तरात्मा गुरु-वचन-निर्देश-अनुष्ठान-अप्रतिकूलः गुरु-प्रसाद-लब्ध-स्वाध्याय-तत्परः स्यात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भृगुः | भृगु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
पूर्वम् | पूर्वम् | pos=i |
एव | एव | pos=i |
भगवता | भगवन्त् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
हितम् | हित | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अनुतिष्ठता | अनुष्ठा | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
संरक्षण | संरक्षण | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आश्रमाः | आश्रम | pos=n,g=m,c=1,n=p |
चत्वारः | चतुर् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ऽभिनिर्दिष्टाः | अभिनिर्दिश् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
तत्र | तत्र | pos=i |
गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
कुल | कुल | pos=n,comp=y |
वासम् | वास | pos=n,g=m,c=2,n=s |
एव | एव | pos=i |
तावत् | तावत् | pos=i |
प्रथमम् | प्रथम | pos=a,g=m,c=2,n=s |
आश्रमम् | आश्रम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उदाहरन्ति | उदाहृ | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
सम्यग् | सम्यक् | pos=i |
अत्र | अत्र | pos=i |
शौच | शौच | pos=n,comp=y |
संस्कार | संस्कार | pos=n,comp=y |
विनय | विनय | pos=n,comp=y |
नियम | नियम | pos=n,comp=y |
प्रणीतः | प्रणी | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
विनीत | विनी | pos=va,comp=y,f=part |
आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उभे | उभ् | pos=n,g=f,c=2,n=d |
संध्ये | संध्या | pos=n,g=f,c=2,n=d |
भास्कर | भास्कर | pos=n,comp=y |
अग्नि | अग्नि | pos=n,comp=y |
दैवतानि | दैवत | pos=n,g=n,c=2,n=p |
उपस्थाय | उपस्था | pos=vi |
विहाय | विहा | pos=vi |
तन्द्रा | तन्द्रा | pos=n,comp=y |
आलस्ये | आलस्य | pos=n,g=n,c=2,n=d |
गुरोः | गुरु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अभिवादन | अभिवादन | pos=n,comp=y |
वेद | वेद | pos=n,comp=y |
अभ्यास | अभ्यास | pos=n,comp=y |
श्रवण | श्रवण | pos=n,comp=y |
पवित्रीकृत | पवित्रीकृ | pos=va,comp=y,f=part |
अन्तरात्मा | अन्तरात्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्रिषवणम् | त्रिषवण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उपस्पृश्य | उपस्पृश् | pos=vi |
ब्रह्मचर्य | ब्रह्मचर्य | pos=n,comp=y |
अग्नि | अग्नि | pos=n,comp=y |
परिचरण | परिचरण | pos=n,comp=y |
गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
शुश्रूषा | शुश्रूषा | pos=n,comp=y |
नित्यः | नित्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
भैक्ष | भैक्ष | pos=n,comp=y |
आदि | आदि | pos=n,comp=y |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
निवेदित | निवेदय् | pos=va,comp=y,f=part |
अन्तरात्मा | अन्तरात्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
वचन | वचन | pos=n,comp=y |
निर्देश | निर्देश | pos=n,comp=y |
अनुष्ठान | अनुष्ठान | pos=n,comp=y |
अप्रतिकूलः | अप्रतिकूल | pos=a,g=m,c=1,n=s |
गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
प्रसाद | प्रसाद | pos=n,comp=y |
लब्ध | लभ् | pos=va,comp=y,f=part |
स्वाध्याय | स्वाध्याय | pos=n,comp=y |
तत्परः | तत्पर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
स्यात् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |