महाभारतम् — 12.184.7
Original
Segmented
भरद्वाज उवाच यद् एतत् चातुराश्रम्यम् ब्रह्मर्षि-विहितम् पुरा तेषाम् स्वे स्वे य आचाराः तान् मे वक्तुम् इह अर्हसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भरद्वाज | भरद्वाज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
चातुराश्रम्यम् | चातुराश्रम्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
ब्रह्मर्षि | ब्रह्मर्षि | pos=n,comp=y |
विहितम् | विधा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
पुरा | पुरा | pos=i |
तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
स्वे | स्व | pos=a,g=m,c=1,n=p |
स्वे | स्व | pos=a,g=m,c=1,n=p |
य | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
आचाराः | आचार | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
वक्तुम् | वच् | pos=vi |
इह | इह | pos=i |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |