Original

तत्र दुःखविमोक्षार्थं प्रयतेत विचक्षणः ।सुखं ह्यनित्यं भूतानामिह लोके परत्र च ॥ ७ ॥

Segmented

तत्र दुःख-विमोक्ष-अर्थम् प्रयतेत विचक्षणः सुखम् हि अनित्यम् भूतानाम् इह लोके परत्र च

Analysis

Word Lemma Parse
तत्र तत्र pos=i
दुःख दुःख pos=n,comp=y
विमोक्ष विमोक्ष pos=n,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
प्रयतेत प्रयत् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
विचक्षणः विचक्षण pos=a,g=m,c=1,n=s
सुखम् सुख pos=n,g=n,c=1,n=s
हि हि pos=i
अनित्यम् अनित्य pos=a,g=n,c=1,n=s
भूतानाम् भूत pos=n,g=n,c=6,n=p
इह इह pos=i
लोके लोक pos=n,g=m,c=7,n=s
परत्र परत्र pos=i
pos=i