महाभारतम् — 12.183.3
Original
Segmented
स्वर्गः प्रकाश इति आहुः नरकम् तम एव च सत्य-अनृतात् तद् उभयम् प्राप्यते जगतीचरैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्वर्गः | स्वर्ग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रकाश | प्रकाश | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
आहुः | अह् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
नरकम् | नरक | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तम | तमस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
च | च | pos=i |
सत्य | सत्य | pos=n,comp=y |
अनृतात् | अनृत | pos=n,g=n,c=5,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
उभयम् | उभय | pos=a,g=n,c=1,n=s |
प्राप्यते | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
जगतीचरैः | जगतीचर | pos=n,g=m,c=3,n=p |