महाभारतम् — 12.18.22
Original
Segmented
श्रिया निराशैः अधनैः त्यक्त-मित्रैः अकिंचनैः सौखिकैः संभृतान् अर्थान् यः संत्यजसि किम् नु तत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
श्रिया | श्री | pos=n,g=f,c=3,n=s |
निराशैः | निराश | pos=a,g=m,c=3,n=p |
अधनैः | अधन | pos=a,g=m,c=3,n=p |
त्यक्त | त्यज् | pos=va,comp=y,f=part |
मित्रैः | मित्र | pos=n,g=m,c=3,n=p |
अकिंचनैः | अकिञ्चन | pos=a,g=m,c=3,n=p |
सौखिकैः | सौखिक | pos=a,g=m,c=3,n=p |
संभृतान् | सम्भृ | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
अर्थान् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
संत्यजसि | संत्यज् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
नु | नु | pos=i |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |