Original

बोध्यं दान्तमृषिं राजा नहुषः पर्यपृच्छत ।निर्वेदाच्छान्तिमापन्नं शान्तं प्रज्ञानतर्पितम् ॥ ५८ ॥

Segmented

बोध्यम् दान्तम् ऋषिम् राजा नहुषः पर्यपृच्छत निर्वेदात् शान्तिम् आपन्नम् शान्तम् प्रज्ञान-तर्पितम्

Analysis

Word Lemma Parse
बोध्यम् बोध्य pos=n,g=m,c=2,n=s
दान्तम् दम् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
ऋषिम् ऋषि pos=n,g=m,c=2,n=s
राजा राजन् pos=n,g=m,c=1,n=s
नहुषः नहुष pos=n,g=m,c=1,n=s
पर्यपृच्छत परिप्रच्छ् pos=v,p=3,n=s,l=lan
निर्वेदात् निर्वेद pos=n,g=m,c=5,n=s
शान्तिम् शान्ति pos=n,g=f,c=2,n=s
आपन्नम् आपद् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
शान्तम् शम् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
प्रज्ञान प्रज्ञान pos=n,comp=y
तर्पितम् तर्पय् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part