Original

अक्षमा ह्रीपरित्यागः श्रीनाशो धर्मसंक्षयः ।अभिध्याप्रज्ञता चैव सर्वं लोभात्प्रवर्तते ॥ ५ ॥

Segmented

अक्षमा ह्री-परित्यागः श्री-नाशः धर्म-संक्षयः अभिध्या-प्रज्ञ-ता च एव सर्वम् लोभात् प्रवर्तते

Analysis

Word Lemma Parse
अक्षमा अक्षमा pos=n,g=f,c=1,n=s
ह्री ह्री pos=n,comp=y
परित्यागः परित्याग pos=n,g=m,c=1,n=s
श्री श्री pos=n,comp=y
नाशः नाश pos=n,g=m,c=1,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
संक्षयः संक्षय pos=n,g=m,c=1,n=s
अभिध्या अभिध्या pos=n,comp=y
प्रज्ञ प्रज्ञ pos=a,comp=y
ता ता pos=n,g=f,c=1,n=s
pos=i
एव एव pos=i
सर्वम् सर्व pos=n,g=n,c=1,n=s
लोभात् लोभ pos=n,g=m,c=5,n=s
प्रवर्तते प्रवृत् pos=v,p=3,n=s,l=lat