महाभारतम् — 12.139.33
Original
Segmented
अहो कृच्छ्रम् मया प्राप्तम् इति निश्चित्य कौशिकः पपात भूमौ दौर्बल्यात् तस्मिन् चण्डाल-पक्कणे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अहो | अहो | pos=i |
कृच्छ्रम् | कृच्छ्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
प्राप्तम् | प्राप् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
इति | इति | pos=i |
निश्चित्य | निश्चि | pos=vi |
कौशिकः | कौशिक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पपात | पत् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
भूमौ | भूमि | pos=n,g=f,c=7,n=s |
दौर्बल्यात् | दौर्बल्य | pos=n,g=n,c=5,n=s |
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
चण्डाल | चण्डाल | pos=n,comp=y |
पक्कणे | पक्कण | pos=n,g=m,c=7,n=s |