Original

नाच्छित्त्वा परमर्माणि नाकृत्वा कर्म दारुणम् ।नाहत्वा मत्स्यघातीव प्राप्नोति परमां श्रियम् ॥ ५० ॥

Segmented

न अछित्त्वा पर-मर्माणि न अकृत्वा कर्म दारुणम् न अहत्वा मत्स्यघाती इव प्राप्नोति परमाम् श्रियम्

Analysis

Word Lemma Parse
pos=i
अछित्त्वा अछित्त्वा pos=i
पर पर pos=n,comp=y
मर्माणि मर्मन् pos=n,g=n,c=2,n=p
pos=i
अकृत्वा अकृत्वा pos=i
कर्म कर्मन् pos=n,g=n,c=2,n=s
दारुणम् दारुण pos=a,g=n,c=2,n=s
pos=i
अहत्वा अहत्वा pos=i
मत्स्यघाती मत्स्यघातिन् pos=n,g=m,c=1,n=s
इव इव pos=i
प्राप्नोति प्राप् pos=v,p=3,n=s,l=lat
परमाम् परम pos=a,g=f,c=2,n=s
श्रियम् श्री pos=n,g=f,c=2,n=s