महाभारतम् — 12.118.21
Original
Segmented
संगृहीत-जनः ऽस्तब्धः प्रसन्न-वदनः सदा दाता भृत्य-जन-अवेक्षी न क्रोधी सु महा-मनाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| संगृहीत | संग्रह् | pos=va,comp=y,f=part |
| जनः | जन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽस्तब्धः | अस्तब्ध | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| प्रसन्न | प्रसद् | pos=va,comp=y,f=part |
| वदनः | वदन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सदा | सदा | pos=i |
| दाता | दातृ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भृत्य | भृत्य | pos=n,comp=y |
| जन | जन | pos=n,comp=y |
| अवेक्षी | अवेक्षिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| क्रोधी | क्रोधिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| सु | सु | pos=i |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| मनाः | मनस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |