महाभारतम् — 12.112.37
Original
Segmented
एक एकेन संगम्य रहो ब्रूयाम् हितम् तव न च ते ज्ञाति-कार्येषु प्रष्टव्यो ऽहम् हित-अहिते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एक | एक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| एकेन | एक | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| संगम्य | संगम् | pos=vi |
| रहो | रहस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| ब्रूयाम् | ब्रू | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
| हितम् | हित | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| ज्ञाति | ज्ञाति | pos=n,comp=y |
| कार्येषु | कार्य | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| प्रष्टव्यो | प्रच्छ् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
| ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| हित | हित | pos=a,comp=y |
| अहिते | अहित | pos=a,g=n,c=7,n=s |