महाभारतम् — 12.111.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच क्लिश्यमानेषु भूतेषु तैः तैः भावैः ततस् ततस् दुर्गाणि अतितरेत् येन तत् मे ब्रूहि पितामह
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| क्लिश्यमानेषु | क्लिश् | pos=va,g=n,c=7,n=p,f=part |
| भूतेषु | भूत | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| भावैः | भाव | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| ततस् | ततस् | pos=i |
| ततस् | ततस् | pos=i |
| दुर्गाणि | दुर्ग | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| अतितरेत् | अतित् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| येन | यद् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| पितामह | पितामह | pos=n,g=m,c=8,n=s |