महाभारतम् — 12.104.45
Original
Segmented
बृहस्पतिः उवाच परोक्षम् अगुणान् आह सत्-गुणान् अभ्यसूयति परैः वा कीर्त्यमानेषु तूष्णीम् आस्ते पराङ्मुखः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| बृहस्पतिः | बृहस्पति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| परोक्षम् | परोक्ष | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| अगुणान् | अगुण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| आह | अह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| सत् | सत् | pos=a,comp=y |
| गुणान् | गुण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अभ्यसूयति | अभ्यसूय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| परैः | पर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| वा | वा | pos=i |
| कीर्त्यमानेषु | कीर्तय् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
| तूष्णीम् | तूष्णीम् | pos=i |
| आस्ते | आस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| पराङ्मुखः | पराङ्मुख | pos=a,g=m,c=1,n=s |