महाभारतम् — 11.8.41
Original
Segmented
कृपालुः नित्यशो वीरः तिर्यग्योनि-गतेषु अपि स कथम् त्वयि राज-इन्द्र कृपाम् वै न करिष्यति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कृपालुः | कृपालु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| नित्यशो | नित्यशस् | pos=i |
| वीरः | वीर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तिर्यग्योनि | तिर्यग्योनि | pos=n,comp=y |
| गतेषु | गम् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
| अपि | अपि | pos=i |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कथम् | कथम् | pos=i |
| त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| राज | राजन् | pos=n,comp=y |
| इन्द्र | इन्द्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| कृपाम् | कृपा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| वै | वै | pos=i |
| न | न | pos=i |
| करिष्यति | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |