महाभारतम् — 10.5.4
Original
Segmented
अनेयः तु अवमानी यो दुरात्मा पाप-पूरुषः दिष्टम् उत्सृज्य कल्याणम् करोति बहु-पापकम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अनेयः | अनेय | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
अवमानी | अवमानिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
दुरात्मा | दुरात्मन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
पाप | पाप | pos=a,comp=y |
पूरुषः | पूरुष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
दिष्टम् | दिष्ट | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उत्सृज्य | उत्सृज् | pos=vi |
कल्याणम् | कल्याण | pos=a,g=n,c=2,n=s |
करोति | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
बहु | बहु | pos=a,comp=y |
पापकम् | पापक | pos=n,g=n,c=2,n=s |