महाभारतम् — 10.4.28
Original
Segmented
कस्य हि अकरुणस्य अपि नेत्राभ्याम् अश्रु न आव्रजेत् नृपतेः भग्न-सक्थस्य श्रुत्वा तादृग् वचः पुनः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कस्य | क | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| अकरुणस्य | अकरुण | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| नेत्राभ्याम् | नेत्र | pos=n,g=n,c=5,n=d |
| अश्रु | अश्रु | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| आव्रजेत् | आव्रज् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| नृपतेः | नृपति | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| भग्न | भञ्ज् | pos=va,comp=y,f=part |
| सक्थस्य | सक्थ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
| तादृग् | तादृश् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |