Original

दिष्ट्या राजंस्त्वमद्येमामखिलां भोक्ष्यसे महीम् ।आत्मजान्क्षत्रधर्मेण संप्रदाय यमाय वै ॥ १० ॥

Segmented

दिष्ट्या राजन् त्वम् अद्य इमाम् अखिलाम् भोक्ष्यसे महीम् आत्मजान् क्षत्र-धर्मेण सम्प्रदाय यमाय वै

Analysis

Word Lemma Parse
दिष्ट्या दिष्टि pos=n,g=f,c=3,n=s
राजन् राजन् pos=n,g=m,c=8,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
अद्य अद्य pos=i
इमाम् इदम् pos=n,g=f,c=2,n=s
अखिलाम् अखिल pos=a,g=f,c=2,n=s
भोक्ष्यसे भुज् pos=v,p=2,n=s,l=lrt
महीम् मही pos=n,g=f,c=2,n=s
आत्मजान् आत्मज pos=n,g=m,c=2,n=p
क्षत्र क्षत्र pos=n,comp=y
धर्मेण धर्म pos=n,g=m,c=3,n=s
सम्प्रदाय सम्प्रदा pos=vi
यमाय यम pos=n,g=m,c=4,n=s
वै वै pos=i