महाभारतम् — 10.10.14
Original
Segmented
येषाम् अर्थाय पापस्य धिग् जयस्य सुहृद्-वधे निर्जितैः अप्रमत्तैः हि विजिता जित-काशिन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
येषाम् | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
अर्थाय | अर्थ | pos=n,g=m,c=4,n=s |
पापस्य | पाप | pos=a,g=m,c=6,n=s |
धिग् | धिक् | pos=i |
जयस्य | जय | pos=n,g=m,c=6,n=s |
सुहृद् | सुहृद् | pos=n,comp=y |
वधे | वध | pos=n,g=m,c=7,n=s |
निर्जितैः | निर्जि | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
अप्रमत्तैः | अप्रमत्त | pos=a,g=m,c=3,n=p |
हि | हि | pos=i |
विजिता | विजि | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
जित | जि | pos=va,comp=y,f=part |
काशिन् | काशिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |