Original

वैशंपायन उवाच ।तस्यां रात्र्यां व्यतीतायां धृष्टद्युम्नस्य सारथिः ।शशंस धर्मराजाय सौप्तिके कदनं कृतम् ॥ १ ॥

Segmented

वैशंपायन उवाच तस्याम् रात्र्याम् व्यतीतायाम् धृष्टद्युम्नस्य सारथिः शशंस धर्मराजाय सौप्तिके कदनम् कृतम्

Analysis

Word Lemma Parse
वैशंपायन वैशम्पायन pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
तस्याम् तद् pos=n,g=f,c=7,n=s
रात्र्याम् रात्रि pos=n,g=f,c=7,n=s
व्यतीतायाम् व्यती pos=va,g=f,c=7,n=s,f=part
धृष्टद्युम्नस्य धृष्टद्युम्न pos=n,g=m,c=6,n=s
सारथिः सारथि pos=n,g=m,c=1,n=s
शशंस शंस् pos=v,p=3,n=s,l=lit
धर्मराजाय धर्मराज pos=n,g=m,c=4,n=s
सौप्तिके सौप्तिक pos=n,g=n,c=7,n=s
कदनम् कदन pos=n,g=n,c=2,n=s
कृतम् कृ pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part