महाभारतम् — 10.1.46
Original
Segmented
पतङ्ग-अग्नि-समाम् वृत्तिम् आस्थाय आत्म-विनाशिन् न्यायतो युध्यमानस्य प्राण-त्यागः न संशयः छद्मना तु भवेत् सिद्धिः शत्रूणाम् च क्षयो महान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पतङ्ग | पतंग | pos=n,comp=y |
अग्नि | अग्नि | pos=n,comp=y |
समाम् | सम | pos=n,g=f,c=2,n=s |
वृत्तिम् | वृत्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
आस्थाय | आस्था | pos=vi |
आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
विनाशिन् | विनाशिन् | pos=a,g=f,c=2,n=s |
न्यायतो | न्याय | pos=n,g=m,c=5,n=s |
युध्यमानस्य | युध् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
प्राण | प्राण | pos=n,comp=y |
त्यागः | त्याग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
संशयः | संशय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
छद्मना | छद्मन् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
तु | तु | pos=i |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
सिद्धिः | सिद्धि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
शत्रूणाम् | शत्रु | pos=n,g=m,c=6,n=p |
च | च | pos=i |
क्षयो | क्षय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
महान् | महत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |