महाभारतम् — 1.88.2
Original
Segmented
ययातिः उवाच यद् अन्तरिक्षम् पृथिवी दिशः च यत् तेजसा तपते भानुमान् च लोकाः तावन्तः दिवि संस्थिता वै ते न अन्तवन्तः प्रतिपालयन्ति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ययातिः | ययाति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अन्तरिक्षम् | अन्तरिक्ष | pos=n,g=n,c=1,n=s |
पृथिवी | पृथिवी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
दिशः | दिश् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तेजसा | तेजस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
तपते | तप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
भानुमान् | भानुमन्त् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
लोकाः | लोक | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तावन्तः | तावत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
दिवि | दिव् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
संस्थिता | संस्था | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
वै | वै | pos=i |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
न | न | pos=i |
अन्तवन्तः | अन्तवत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
प्रतिपालयन्ति | प्रतिपालय् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |