महाभारतम् — 1.87.13
Original
Segmented
प्रतर्दन उवाच पृच्छामि त्वाम् स्पृहणीय-रूप प्रतर्दनो ऽहम् यदि मे सन्ति लोकाः यदि अन्तरिक्षे यदि वा दिवि श्रिताः क्षेत्रज्ञम् त्वाम् तस्य धर्मस्य मन्ये
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रतर्दन | प्रतर्दन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
पृच्छामि | प्रच्छ् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
स्पृहणीय | स्पृह् | pos=va,comp=y,f=krtya |
रूप | रूप | pos=n,g=m,c=8,n=s |
प्रतर्दनो | प्रतर्दन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
यदि | यदि | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
सन्ति | अस् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
लोकाः | लोक | pos=n,g=m,c=1,n=p |
यदि | यदि | pos=i |
अन्तरिक्षे | अन्तरिक्ष | pos=n,g=n,c=7,n=s |
यदि | यदि | pos=i |
वा | वा | pos=i |
दिवि | दिव् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
श्रिताः | श्रि | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
क्षेत्रज्ञम् | क्षेत्रज्ञ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
धर्मस्य | धर्म | pos=n,g=m,c=6,n=s |
मन्ये | मन् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |