महाभारतम् — 1.87.12
Original
Segmented
न अब्राह्मणः कृपणो जातु जीवेद् या च अपि स्याद् ब्राह्मणी वीर-पत्नी सो ऽहम् यदा एव अकृत-पूर्वम् चरेयम् विवित्समानः किम् उ तत्र
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
अब्राह्मणः | अब्राह्मण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कृपणो | कृपण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
जातु | जातु | pos=i |
जीवेद् | जीव् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
या | यद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
स्याद् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
ब्राह्मणी | ब्राह्मणी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
वीर | वीर | pos=n,comp=y |
पत्नी | पत्नी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
यदा | यदा | pos=i |
एव | एव | pos=i |
अकृत | अकृत | pos=a,comp=y |
पूर्वम् | पूर्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
चरेयम् | चर् | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
विवित्समानः | विवित्स् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उ | तत्र | pos=i |
तत्र | साधु | pos=a,g=n,c=1,n=s |