महाभारतम् — 1.45.17
Original
Segmented
जनमेजय उवाच न अस्मिन् कुले जातु बभूव राजा यो न प्रजानाम् हित-कृत् प्रियः च विशेषतः प्रेक्ष्य पितामहानाम् वृत्तम् महद् वृत्-परायणानाम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जनमेजय | जनमेजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
न | न | pos=i |
अस्मिन् | इदम् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
कुले | कुल | pos=n,g=n,c=7,n=s |
जातु | जातु | pos=i |
बभूव | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
प्रजानाम् | प्रजा | pos=n,g=f,c=6,n=p |
हित | हित | pos=a,comp=y |
कृत् | कृत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
प्रियः | प्रिय | pos=a,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
विशेषतः | विशेषतः | pos=i |
प्रेक्ष्य | प्रेक्ष् | pos=vi |
पितामहानाम् | पितामह | pos=n,g=m,c=6,n=p |
वृत्तम् | वृत्त | pos=n,g=n,c=2,n=s |
महद् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
वृत् | वृत् | pos=va,comp=y,f=part |
परायणानाम् | परायण | pos=n,g=m,c=6,n=p |