महाभारतम् — 1.35.6
Original
Segmented
तस्य इदम् मानसम् शल्यम् समुद्धर्तुम् त्वम् अर्हसि जनन्याः शाप-जम् देव ज्ञातीनाम् हित-काङ्क्षिणः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मानसम् | मानस | pos=a,g=n,c=2,n=s |
शल्यम् | शल्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
समुद्धर्तुम् | समुद्धृ | pos=vi |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
जनन्याः | जननी | pos=n,g=f,c=6,n=s |
शाप | शाप | pos=n,comp=y |
जम् | ज | pos=a,g=n,c=2,n=s |
देव | देव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
ज्ञातीनाम् | ज्ञाति | pos=n,g=m,c=6,n=p |
हित | हित | pos=n,comp=y |
काङ्क्षिणः | काङ्क्षिन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |